

ज्योतिष में सूर्य की पौराणिक कथा का अपना ज्योतिषीय महत्व है.
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सूर्य - आत्म, आत्मा, शक्ति और सामर्थ्य के ग्रह
सूर्य की प्रकृति, गुण और विशेषताएं: ज्योतिष में सूर्य की पौराणिक कथा से ली गई जानकारी
- सूर्य का व्यक्तित्व पुरुषोचित एवं राजसी है, घुंघराले किन्तु कम बाल, छोटे पैर, लम्बे हाथ, चौड़े कंधे तथा अधिक लम्बाई नहीं है.
- सूर्य की आंखें शहद के रंग की हैं, हड्डियों की संरचना सु-विकसित है और शरीर चौकोर है.
- सूर्य का दिमाग बहुत तेज है और वह स्वभाव से सक्रिय और सात्विक हैं.
- सूर्य नारंगी या केसरिया रंग के वस्त्र पहनते हैं.
- सूर्य एक स्थान पर अधिक समय तक नहीं रहते.
- सूर्य स्वच्छ आदतों वाले हैं.
- सूर्य का वाहन सात सिर वाला घोड़ा है.
- सूर्य बुद्धिमान, सत्यवादी, दयालु और दृढ़ हैं.
- सूर्य गुरू और देवताओं का सम्मान करते हैं.
सूर्य का ज्योतिषीय महत्व
- आपकी कुंडली में सूर्य स्वयं, आत्मा, पिता, राजा, व्यक्तित्व, उदारता, शक्ति, पद, सम्मान, प्रतिष्ठा, शानदार उपस्थिति, नेतृत्व के उल्लेखनीय गुण, स्थिर स्वभाव, सामान्य कल्याण, जीवन शक्ति, गतिशीलता, स्वास्थ्य, आंखें, अहंकार, घमंड, अलगाव, हड्डियां, भगवान शिव के प्रति भक्ति आदि का प्रतीक हैं.
- सूर्य सिंह राशि के स्वामी हैं. मेष राशि में 10 अंश पर सूर्य उच्च तथा तुला राशि में 10 अंश पर नीच के होते हैं. सिंह राशि में 20 अंश तक वह मूलत्रिकोण राशि में होते हैं. सिंह राशि में 20 से 30 अंश के मध्य सूर्य स्वराशि में होते हैं.
- दरअसल सूर्य ग्रह चन्द्रमा, बृहस्पति और मंगल को अपना मित्र मानते हैं। बुध के प्रति सूर्य तटस्थ रहते हैं। शुक्र, शनि, राहु और केतु को सूर्य अपना शत्रु मानते हैं।
- सूर्य 50 वर्ष की आयु तथा 23 से 41 वर्ष की आयु का प्रतिनिधित्व करते हैं.
- यदि कुंडली में सूर्य अनुकूल स्थिति में हों और चंद्रमा पर इनकी दृष्टि हो तो जातक जीवनभर भाग्यशाली और सफल रहेगा.
- सूर्य दसवें घर में शक्तिशाली होते हैं.
- कुंडली में सूर्य की मजबूत स्थिति जातक की आत्मिक शक्ति और दिव्यता का सूचक है.
- स्वभाव से सूर्य एक क्रूर ग्रह हैं.
- किसी भी भाव में सूर्य की उपस्थिति उस भाव को रोशन करती है तथा उस भाव के कार्यों में बढ़ोत्तरी करती है.
सूर्य निम्नलिखित बातों के लिए कारक ग्रह हैं:
सूर्य अनगिनत चीजों के कारक ग्रह हैं. लेकिन, यहां हम इसे महत्वपूर्ण चीजों तक ही सीमित रखेंगे.
सूर्य निम्नलिखित चीजों के कारक ग्रह हैं या इनका प्रतिनिधित्व करते हैं – गला, मस्तिष्क, बुखार, दाहिनी आंख, रीढ़, तिल्ली, हृदय, टाइफाइड, मेनिन्जाइटिस, कड़वा स्वाद, अधिकार, बॉस, मुखिया, कप्तान, सरकारी लाभ, प्रतिष्ठा, स्थायी सेवा, करियर, कड़ी मेहनत, आदेश देने की क्षमता, इच्छाशक्ति, महत्वाकांक्षा, उदारता, वैभव, अहंकार, प्रभुत्वशाली रवैया, प्रमुखता, दृढ़ संकल्प, तांबा, माणिक्य, सोना, धातु, नारंगी रंग, शिव मंदिर, कांटेदार पौधे, जून और जुलाई के महीने, विश्वास, जंगल, आशावाद, विस्तार, अंक 1 और 4, पूर्व दिशा, पहाड़, गेहूं, दवा, मोटा कपड़ा, दोपहर, मजिस्ट्रेट, स्वामी, चिकित्सक, डॉक्टर, वैद्य, क्षत्रिय, सुनार, चौपाया, अभिजात वर्ग, राजघराना, शाही लाभ.
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