दिलीप कुमार निगम – पेशेवर ज्योतिषाचार्य; स्टेलर विजडम के बारे में
ज्योतिषाचार्य दिलीप कुमार निगम के बारे में और जानें - एक कुशल वैदिक ज्योतिषविद, केपी एस्ट्रो-विश्लेषक, अंकशास्त्री और वास्तु विशेषज्ञ, जिनके पास ज्योतिष के क्षेत्र में वर्षों का अनुभव है. ज्योतिष के क्षेत्र में दिलीप निगम की यात्रा के बारे में जानें. फिर जानें कि ज्योतिष आपका मार्गदर्शन कैसे कर सकता है.

ज्योतिषाचार्य दिलीप कुमार निगम: परिचय और ज्योतिष सेवाएं
- व्यक्तिगत परिचय: वर्तमान में वैदिक ज्योतिषविद, केपी एस्ट्रो-विश्लेषक, अंकशास्त्री और वास्तु विशेषज्ञ के रूप में स्व-नियोजित. भारत सरकार में उप निदेशक के पद से सेवानिवृत्त. ज्योतिषाचार्य दिलीप कुमार निगम की गूढ़ विज्ञानों के प्रति सदैव गहन रुचि रही है. उन्हें ज्योतिष में रुचि रखने वाले लोगों के साथ ज्योतिषीय ज्ञान और अनुभव साझा करने में अपार हर्ष की अनुभूति होती है. उनके व्यावसायिक प्रोफ़ाइल के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए, कृपया नीचे दिए गए “एस्ट्रो-विश्लेषक दिलीप निगम का कार्य-अनुभव” नामक खंड को देख सकते हैं.
- स्टेलर विजडम वैबसाइट: दिलीप निगम की ज्योतिष वैबसाइट – स्टेलर विजडम वैदिक ज्योतिष, केपी ज्योतिष, अंक ज्योतिष, वास्तु शास्त्र आदि से संबंधित सामग्री साझा करने में काफी सहायक है. यह सामग्री उदाहरणात्मक पोस्ट, ऑडियो-विजुअल मीडिया और मुफ्त ऑनलाइन ज्योतिष सेवाओं के माध्यम से उपलब्ध कराई जाती है.
- व्यावसायिक परिचय: वर्ष 2019 में प्रतिष्ठित ज्योतिष संस्थान भारतीय विद्या भवन, नई दिल्ली से दो वर्षीय ज्योतिषाचार्य पाठ्यक्रम प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण किया. ज्योतिषाचार्य पाठ्यक्रम के दौरान, दिलीप निगम ने भारतीय विद्या भवन और अन्य ज्योतिष संस्थानों द्वारा आयोजित अखिल भारतीय ज्योतिष संगोष्ठियों और कार्यशालाों में भाग लिया. तब से वह लगातार ज्योतिष की विभिन्न शाखाओं का अध्ययन और अभ्यास कर रहे हैं. इस बीच, उन्होंने तमिलनाडु में केपी गुरू से ऑनलाइन केपी ज्योतिष का अध्ययन किया. इसके अलावा, उन्होंने गुरुओं की मदद से कम, किताबों की मदद से अधिक, अंक ज्योतिष और वास्तु शास्त्र का भी अध्ययन किया. किताबें हमेशा उनकी सबसे अच्छी दोस्त रही हैं.
- भविष्य-कथन संबंधी तकनीकें: वैदिक ज्योतिष, केपी ज्योतिष, अंक ज्योतिष और वास्तु शास्त्र की भविष्य-कथन संबंधी तकनीकों का एक साथ प्रयोग करके वह उल्लेखनीय रूप से सटीक भविष्यवाणियां कर पाने में सक्षम हुए. इससे ज्योतिषाचार्य दिलीप निगम आम आदमी के कल्याणार्थ अपनी ज्योतिषीय सेवाएं निःस्वार्थ प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित हुए. नतीजतन, वह इच्छुक परामर्शकर्ताओं को मुफ़्त ऑफ़लाइन और ऑनलाइन ज्योतिष परामर्श प्रदान करते आ रहे हैं. साथ ही, वह ज्योतिष में रुचि रखने वाले व्यक्तियों और पेशेवरों के लिए मुफ़्त ऑनलाइन ज्योतिष कक्षाएं भी आयोजित कर रहे हैं.
- ज्योतिष विद्या के प्रति जुनून: दिलीप निगम ज्योतिषाचार्य पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने से पहले ही अक्सर गूढ़ विज्ञानों का अध्ययन करने के प्रति आकर्षित हो जाते थे. यह निस्संदेह उनकी कुंडली में एक पूर्व-निर्धारित नियति के तहत ही हो सकता है. किसी भी व्यक्ति के सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद, उसकी कुंडली में निहित प्रारब्ध उसे पूर्व-नियत दिशा में ले जाता है.
- डीकेएन ज्योतिष अभिलेखागार और सेवाएं: दरअसल,
डीकेएन ज्योतिष अभिलेखागार स्टेलर विजडम वैबसाइट के जरिए सभी के लिए निरपवाद रूप से उपलब्ध है. दूसरी ओर, निःशुल्क ऑनलाइन
डीकेएन ज्योतिषसेवाएं
ज्योतिषाचार्य दिलीप कुमार निगम द्वारा केवल साइट के पंजीकृत सदस्यों को उपलब्ध कराई जाती हैं. इन सेवाओं में निःशुल्क ऑनलाइन ज्योतिषीय परामर्श, निःशुल्क जन्म कुंडली विश्लेषण और ज्योतिष में रुचि रखने वाले लोगों के लिए निःशुल्क ऑनलाइन ज्योतिष कक्षाएं शामिल हैं. - कृपया ध्यान दें: मैं, दिलीप कुमार निगम, एक उत्साही एस्ट्रो-विश्लेषक-सह-नक्षत्र वैज्ञानिक, ज्योतिष के प्रति जागरूक लोगों को सटीक ज्योतिषीय ज्ञान और परामर्श प्रदान करने में अत्यधिक प्रसन्नता महसूस करता हूँ. कृपया आएं और स्टेलर विजडम पर पंजीकृत करें. इस प्रकार, मुझसे जुड़ें. अपना फीडबैक दें. ज्योतिष में रुचि रखने वाले व्यक्तियों के लिए आयोजित की जाने वाली निःशुल्क ऑनलाइन प्रारंभिक ज्योतिष कक्षाओं का लाभ उठाएं. साथ ही, निःशुल्क ऑनलाइन ज्योतिष परामर्श और निःशुल्क जन्म कुंडली विश्लेषण संबंधी विवरण प्राप्त करें.
ज्योतिषविद दिलीप निगम की शिक्षा-दीक्षा
- भारतीय विद्या भवन, नई दिल्ली से प्रथम श्रेणी में ज्योतिषाचार्य का 2-वर्षीय पाठ्यक्रम सफलतापूर्वक पूरा किया;
- इग्नू, दिल्ली से प्रथम श्रेणी में एमबीए (एचआर);
- इग्नू, दिल्ली से प्रथम श्रेणी में एम.ए. (हिंदी);
- बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झांसी से संबद्ध पं. जे.एन. डिग्री कॉलेज, बांदा से द्वितीय श्रेणी में एम.एससी. (गणित);
- पं. जे. एन. डिग्री कॉलेज, बांदा से प्रथम श्रेणी में बी.एस.सी. (पीसीएम);
- एम.एससी. की पढ़ाई समाप्त करने के पश्चात तीन बार सिविल सेवा परीक्षा के लिए प्रयास किया, हर बार प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण की. लेकिन अपने सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद, अंततः इसमें सफल नहीं हो सका (निःसंदेह मेरी कुंडली में पूर्व-निर्धारित नियति के कारण);
टर्निंग प्वाइंट
- परिणामस्वरूप, निराश होकर मैंने अपना करियर हिंदी दैनिक ‘स्वतंत्र भारत’, लखनऊ संस्करण में उप संपादक के रूप में शुरू किया;
- उक्त अवधि के दौरान, मैंने अनिच्छा से केंद्रीय सचिवालय, दिल्ली में जूनियर अनुवादक (बाद में जूनियर अनुवाद अधिकारी के रूप में पुनर्पदनामित) के पद के लिए आवेदन किया;
- मैंने परीक्षा उत्तीर्ण की और अंततः 5 अप्रैल, 1990 को मानव संसाधन विकास मंत्रालय, शास्त्री भवन, नई दिल्ली में अपनी पहली सरकारी नौकरी में कार्य-भार ग्रहण किया.
- तब से भारत की राजधानी मेरी कर्मभूमि रही है;
- मुझे इसका कारण तो नहीं मालूम, शायद यह कुंडली में पूर्व-निर्धारित नियति ही थी, दिल्ली में अपने करियर की शुरुआत से ही मैं अक्सर गूढ़ विद्याओं का अध्ययन करने की ओर आकर्षित होता था;
- हालाँकि, मेरी यह चिरकालिक इच्छा अंततः 2018-19 में मेरे करियर के अंतिम चरण में पूरी हो सकी।
एस्ट्रो-विश्लेषक दिलीप निगम का कार्य-अनुभव
एक ज्योतिषाचार्य या एस्ट्रो-विश्लेषक के रूप में वर्तमान व्यवसाय
- वर्तमान में एक ज्योतिष विश्लेषक-सह-नक्षत्र वैज्ञानिक के रूप में स्व-नियोजित; आप मुझे वैदिक ज्योतिषविद, केपी एस्ट्रो-विश्लेषक, अंकशास्त्री और वास्तु विशेषज्ञ भी कह सकते हैं.
- मैं अभी भी ज्योतिष की विभिन्न शाखाओं के अध्ययन, शोध और अभ्यास संबंधी कार्य में संलग्न हूं;
- मुझे अपने ज्योतिषीय ज्ञान व अनुभव को ज्योतिष में रुचि रखने वाले व्यक्तियों के साथ साझा करने में अपार हर्ष की अनुभूति होती है;
- मैं ज्योतिष में रुचि रखने वाले व्यक्तियों के लिए निःशुल्क ऑनलाइन डीकेएन ज्योतिष कक्षाएं संचालित करता हूं;
- मैं इच्छुक परामर्शकर्ताओं को निःशुल्क ऑनलाइन डीकेएन ज्योतिष परामर्श भी प्रदान करता हूं;
- वर्तमान पेशे से पहले, मैंने लगभग 33 वर्षों तक दिल्ली मुख्यालय में विभिन्न पदों पर रहते हुए भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों को अपनी सेवाएं दी हैं;
कनिष्ठ एवं वरिष्ठ अनुवाद अधिकारी के रूप में व्यवसाय
- जैसाकि उपर्युक्त खंड ‘ज्योतिषविद दिलीप निगम की शिक्षा-दीक्षा‘ में पहले ही बताया गया है कि मैंने 1990 में पहली सरकारी नौकरी में प्रवेश किया था. मैंने अपनी पहली पोस्टिंग के रूप में लगभग 2 साल तक मानव संसाधन विकास मंत्रालय में काम किया. तत्पश्चात मैंने सीनियर ट्रांसलेटर (बाद में सीनियर ट्रांसलेशन ऑफिसर के रूप में पुनर्पदनामित) के पद के लिए ऑल-इंडिया ओपन (डायरेक्ट एंट्री) परीक्षा के लिए आवेदन किया और ऑल इंडिया रैंकिंग नंबर वन (01) के साथ उत्तीर्ण भी हुआ;
- परिणामस्वरूप, मुझे 5 जनवरी, 1994 से संस्कृति मंत्रालय, शास्त्री भवन, नई दिल्ली में वरिष्ठ अनुवाद अधिकारी के पद पर नियुक्त किया गया;
- तब से लेकर 23 जुलाई, 2007 तक मैंने संस्कृति मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, शास्त्री भवन, नई दिल्ली में इसी पद पर कार्य किया;
सहायक निदेशक के रूप में व्यवसाय
- इसके बाद, मुझे 24 जुलाई, 2007 से सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में सहायक निदेशक के पद पर पदोन्नत और तैनात किया गया;
- तब से मैंने 3 नवंबर, 2016 तक सूचना और प्रसारण मंत्रालय, शास्त्री भवन, नई दिल्ली में और 3 अक्टूबर, 2019 तक सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, परिवहन भवन, नई दिल्ली में उक्त पद पर ही कार्य किया;
उप निदेशक के रूप में व्यवसाय
- इसके बाद, मुझे 4 अक्टूबर, 2019 से विदेश मंत्रालय, साउथ ब्लॉक, नई दिल्ली में उप निदेशक के रूप में पदोन्नत और तैनात किया गया;
- मात्र 10 महीने तक विदेश मंत्रालय में सेवा देने के बाद, कोविड-19 महामारी के प्रकोप के कारण, मुझे उसी पद पर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, निर्माण भवन, नई दिल्ली में स्थानांतरित कर दिया गया;
- लगभग 2 वर्षों तक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में सेवा देने के बाद, मैंने 30 सितंबर, 2022 को सेवानिवृत्ति की आयु पूरी करने के फलस्वरूप सरकारी नौकरी को अलविदा कह दिया;
- वस्तुतः, केन्द्रीय सचिवालय राजभाषा सेवा (सीएसओएलएस) के संवर्ग में प्रवेश के समय मुझे मेरे वरिष्ठों ने बताया था कि मैं अंततः निदेशक (संवर्ग का सर्वोच्च पद) के पद से सेवानिवृत्त होऊंगा;
- लेकिन, आपको उससे अधिक कुछ नहीं मिलता जो आपके लिए पूर्व-निर्धारित है;
पुरुषार्थ एवं प्रारब्ध
- पुरुषार्थ (मानव के चार प्राथमिक लक्ष्य) और स्वतंत्र इच्छा शक्ति (स्वप्रेरित क्रियाएं) की अवधारणाएं मौजूद हैं लेकिन वे हमेशा आपके प्रारब्ध (पिछले जन्मों के कर्मों) द्वारा सीमित/बाधित होती हैं;
- यह प्रारब्ध आपकी जन्म कुंडली (आपके जन्म के समय आकाश में बना एक चार्ट) में आकाशीय तारों (नक्षत्रों), राशियों और खगोलीय पिंडों (ग्रहों) की स्थिति और जन्म के समय जातक पर पड़ने वाले उनके परस्पर प्रभाव के माध्यम से वर्तमान जन्म के लिए एक राशिफल के रूप में भली-भांति परिलक्षित होता है;
- चुंबकीय बल, विद्युत बल, गुरुत्वाकर्षण बल आदि अनेक वैज्ञानिक कारकों के कारण यह खगोलीय संयोजन, आकाशीय क्षेत्र में राशियों और ग्रहों की निरंतर गति और पारगमन के कारण न केवल मानव जैसे सजीव प्राणियों को, बल्कि दुनिया की सभी निर्जीव वस्तुओं को भी अत्यधिक प्रभावित करता है।
- अंतिम लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि ज्योतिष एक दिव्य विज्ञान है जो आपको आगे बढ़ने और अपने पिछले संचित कर्मों को प्रसन्नतापूर्वक भोगने के लिए एक उपयुक्त अंतर्निहित और पूर्व-निर्धारित दिशा की ओर इंगित करता है। इस प्रकार, यह हमें हमारे प्रयासों में बार-बार मिलने वाली विफलताओं के कारण हमारे मन में व्याप्त होने वाली अनावश्यक निराशा से बचा सकता है।
कुछ उपयोगी लिंक: आप इन्हें देख सकते हैं
प्रारंभिक ज्योतिष ज्ञान ; कुंडली की 12 राशियां: उनकी संख्या, प्रतीक-चिह्न व स्वामी ; कुंडली के 12 भावः उनके नाम व कारकत्व ; राशियों से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य ; राशियां: मानव अंग व रंग ; राशियां: उनके गुण, विशेषताएं और भविष्य-कथन में इनका प्रयोग ; राशि चक्र के तत्व: उनकी विशेषताएं ; ग्रहों से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य ; ग्रह: गुण एवं विशेषताएं ; नक्षत्र: उनके स्वामी और राशि स्वामी ; सामान्य कष्ट और उनके उपाय ; ग्रहों को शांत करने के मंत्र ; ज्योतिष में ग्रहों के लिए रत्न उपाय ; सूर्य के लिए रत्न उपाय – माणिक्य ; चंद्रमा के लिए रत्न उपाय – मोती, चंद्र रत्न ; मंगल ग्रह के लिए रत्न उपाय – लाल मूंगा ; बुध के लिए रत्न उपाय – पन्ना ; बृहस्पति के लिए रत्न उपाय – पुखराज ; शुक्र के लिए रत्न उपाय – हीरा, जिरकोन ; शनि के लिए रत्न उपाय – नीलम ; राहु के लिए रत्न उपाय – गोमेद और केतु के लिए – लहसुनिया ; रत्न धारण करते समय सावधानियां
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Horoscope of Astrologer Dilip Kumar Nigam

Analysis of Dilip Nigam’s Horoscope
Here purpose of taking this horoscope is to make you learn step-by-step process for analyzing a natal or birth chart.
Process of Analyzing Birth Chart
- Birth Ascendant or Janma Lagna – Look at the topmost rhombus of the birth chart; It is called first house; This very first house represents birth ascendant (Janma Lagna); A North Indian Styled birth chart has total 12 divisions; Out of these 12 divisions, 4 divisions are rhombuses located at the center and the rest 8 divisions are triangles; In a North Indian birth chart of any person, houses are fixed whereas signs or numbers move in anti-clockwise direction. In fact, at the time of birth of a person, a sign rising in the eastern horizon at his place of birth is called his janma lagna; In the present horoscope, number 12 is written at the topmost division shaped as a rhombus; This number 12 stands for Pisces sign; So, here birth lagna is Pisces; For knowing corresponding numbers of 12 signs or rashis, you may like to visit कुंडली की 12 राशियां: उनकी संख्या, प्रतीक-चिह्न व स्वामी; Thus, whichever number is written at this topmost rhombus, corresponding sign of that number will be birth lagna; Suppose, if number 1 is written here, birth lagna will be Aries and if number 2 is written here, birth lagna will be Taurus and so on; Thus, by now, structure of North Indian Chart, concept of birth lagna and how to ascertain it, must have been clear to you.
- Janma Rashi or Moon Rashi – Look at the horoscope; Now see in which sign is Moon placed; We can see that Moon is placed in a division where 11 is written; This 11 corresponds to Aquarius sign; It means that Moon is placed in Aquarius sign; Thus, here Janma Rashi is Aquarius; In other words, the sign in which Moon is placed in a horoscope, is called Janma Rashi or Moon Rashi of the native; If Moon is placed in number 1 or Aries sign, Janma Rashi is Aries and if Moon is placed in number 2 or Taurus sign, Janma Rashi is Taurus and so on.
- Determination of Physical Features, Nature & Characteristics of Native – The term “Native” refers to a person whose chart is under consideration; Physical features of a native are determined by lagna, lagna lord and influence of other planets on lagna and lagna lord; In the present chart, lagna is Pisces; Symbol of Pisces is a pair of fishes, tail of one in the mouth of other moving in opposite direction; Thus, Pisces denotes dual nature; Pisces being 12th sign of natural zodiac is a watery sign; Pisces is a sign of short ascension; Lord of Pisces is Jupiter which is a satwik & wise planet; In fact, Jupiter is significator of wealth, wisdom & comforts; Jupiter is said to be Guru of gods; Lagna is aspected by Saturn and Venus; Saturn is a planet of melancholy, sorrow, pessimism & obstruction but also lord of 11th house of income & 12th house of loss & expenses; Saturn is well-placed in its own sign; On the other hand, Venus is a planet of luxury, beauty & sex and also lord of 3rd house of courage, younger siblings, occult sciences and 8th house of humiliation, mental anxiety & occult sciences; Venus is in its debilitated state; Lagna lord Jupiter who is also lord of 10th house (house of Karma) is placed in neutral Aquarius sign in 12th house; Aquarius is an airy, positive, fixed & philanthropic sign; Jupiter is conjunct with watery & emotional planet Moon who is also lord of 5th house of medium level mental inclination, pleasure, advisory function & progeny; Simultaneously, Jupiter is aspected by Mercury, a planet of speech & intellect and also lord of 4th house of mother, landed properties, vehicle and lord of 7th house of spouse, partnership & public image; At the same time, Jupiter is aspected by Sun, a royal & satwik planet who is also lord of 6th house of disease, enemy & loan;
- Conclusion – From the description given in the preceding para, we are going to make following conclusion about physical features, nature & characteristics of the person whose chart is being considered here: He is a medium statured lean person and may gain weight during particular dashas of planets; Reason: His lagna sign Pisces being a sign of short ascension shows short height, his lagna lord Jupiter shows short height and placement of Jupiter in Aquarius also shows short height because Aquarius is also a sign of short ascension, conjunction with Moon & aspect by Sun also show short height but aspect to lagna by Venus and Saturn and aspect to lagna lord Jupiter by Mercury show increase in height, it means that native is a person of medium height of about 5 feet 8 inches; He remains lean & thin during dasha of Rahu & Jupiter, but he gains weight during Mahadasha of Saturn and Antardasha of Mercury because Saturn is dispositor of Jupiter and Mercury is aspected by Jupiter and Jupiter is said to be a bulky planet; His color is wheatish; Reason: He is a docile, satwik, dual natured, wise, intelligent & philanthropic person who believes in always doing welfare of others;
मेरा संपर्क विवरण: मेरा संपर्क संबंधी समस्त विवरण निम्नानुसार है:-
Address: Noida Extension, Uttar Pradesh.
मोबाइल: (+91) 9990013104
वैबसाइट: स्टेलर विजडम; यूआरएल: https://dknastrology.co.in/; टैगलाइन: अपना लौकिक पथ खोजें
ब्लॉग: डीकेएन एस्ट्रोवर्ल्ड
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